India History Delhi saltanat GK
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मोहम्मद ग़ौरी का गुलाम कुतुब-उद-दीन ऐबक, गुलाम वंश का पहला सुल्तान था। ऐबक का साम्राज्य पूरे उत्तर भारततक फैला था। इसके बाद ख़िलजी वंश ने मध्य भारत पर कब्ज़ा किया परन्तु भारतीय उपमहाद्वीप को संगठित करने में असफल रहा।
इस सल्तनत ने न केवल बहुत से दक्षिण एशिया के मंदिरों का विनाश किया साथ ही अपवित्र भी किया,[4] पर इसने भारतीय-इस्लामिक वास्तुकला के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली सल्तनत मुस्लिम इतिहास के कुछ कालखंडों में है जहां किसी महिला ने सत्ता संभाली।१५२६ में मुगल सल्तनत द्वारा इस इस साम्राज्य का अंत हुआ।
962 ईस्वी में दक्षिण एशिया के हिन्दू और बौद्ध साम्राज्यों के ऊपर मुस्लिम सेना द्वारा, जो कि फारस और मध्य एशिया से आए थे, व्यापक स्तर पर हमलें होने लगे।इनमें से महमूद गज़नवी ने सिंधु नदी के पूर्व में तथा यमुना नदी के पश्चिम में बसे साम्राज्यों को 997 इस्वी से 1030 इस्वी तक १७ बार लूट] महमूद गज़नवी ने लूट तो बहुत की मगर वह अपने साम्राज्य को पश्चिम पंजाब तक ही बढ़ा सका।
महमूद गज़नवी के बाद भी मुस्लिम सरदारों ने पश्चिम और उत्तर भारत को लूटना जारी रखा।[ परंतु वो भारत में स्थायी इस्लामिक शासन स्थापित न कर सके। इसके बाद गोर वंश के सुल्तान मोहम्मद ग़ौरी ने उत्तर भारत पर योजनाबद्ध तरीके से हमले करना आरम्भ किया उसने अपने उद्देश्य के तहत इस्लामिक शासन को बढ़ाना शुरू किया।गोरी एक सुन्नी मुसलमान था, जिसने अपने साम्राज्य को पूर्वी सिंधु नदी तक बढ़ाया और सल्तनत काल की नीव डाली। कुछ ऐतेहासिक ग्रंथों में सल्तनत काल को 1192-1526 (३३४ वर्ष) तक बताया गया है।[
१२०६ में गोरी की हत्या शिया मुसलमानों की शह पर हिन्दू खोखरों द्वार कर दी गई।] गोरी की हत्या के बाद उसके एक तुर्क गुलाम (या ममलूक, अरबी: مملوك) कुतुब-उद-दीन ऐबक ने सत्ता संभाली और दिल्ली का पहला सुल्तान बना।
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