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Wednesday, May 10, 2017

इजरायल और गाज़ा क्यों भिड़ते है जाने

आज का इतिहास विशेष माहिती
11 मई 1955  – इजरायल ने गाजा पर हमला किया।

आओ हम जानते है की इजरायल गाज़ा पर हमला क्यों करता है वे दोनों आपस में क्यों भिड़ते है?

            इजराइल को यकीन है कि गाजा पट्टी पर उसकी जमीनी कार्रवाई से मौजूदा संकट का हल खोजने में मदद मिलेगी। सवाल ये है कि जो आग पिछले 66 साल या कहें उससे भी पहले से धधक रही है वो जंग से कैसे शांत हो सकती है। इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष का खूनी इतिहास यही कहता है कि जंग मसलों का हल नहीं।

                    8 जुलाई से गाजा पट्टी जंग की आग में जल रहा है। जब से इजराइल ने हमास के रॉकेट हमलों के जवाब में हवाई हमले शुरू किए, लेकिन हकीकत ये है कि ये इलाका पिछले 66 साल से जल रहा है यानी तब से जब से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बने माहौल में यहूदियों के लिए एक अलग मुल्क की मांग उठ रही थी।

                    यहूदी पश्चिम एशिया के उस इलाके में अपना हक जातते थे, जहां सदियों पहले यहूदी धर्म का जन्म हुआ था। यही वो जमीन थी जहां ईसाईयत का जन्म हुआ। बाद में इस्लाम के उदय से जुड़ा इतिहास भी यहीं लिखा गया।

                      यहूदियों के दावे वाले इसी इलाके में मध्यकाल में अरब फिलिस्तीनियों की आबादी बस चुकी थी। 1922 से ये इलाका ब्रिटिश हुकूमत के कब्जे में था। फिर भी यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच, यहां दबदबे को लेकर गृहयुद्ध जारी था। इसी माहौल में 30 नवंबर 1947 को संयुक्त राष्ट्र ने यहूदियों और अरबों के लिए विवाद वाले इलाके में बंटवारे की योजना को सहमति दे दी। समझौते के मुताबिक 15 मई 1948 को इलाके से ब्रिटेन ने अपना कब्जा छोड़ दिया। और दुनिया का नक्शा बदल गया।

         
                 1948 में जब विभाजन हुआ तब इजराइल और फिलिस्तीन दो देश बने थे। गाजापट्टी जो इजिप्ट के कब्जे में था और वेस्ट बैंक ये दोनों अलग-अलग हिस्से हैं फिलिस्तीन के तब से संघर्ष चल रहा है। 1948 में इजराइल के उदय के साथ ही पहला अरब-इजराइल युद्ध शुरु हो गया, क्योंकि इजराइल के आसपास मौजूद अरब देशों को बंटवारा मंजूर नहीं था। इस जंग में लाखों फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए-और एक बड़ा इलाका इजराइल के कब्जे में आ गया।

                  1967 में छह दिन तक दूसरी अरब-इजराइल जंग हुई। इस जंग में इजराइल ने गाजा पट्टी समेत कई इलाके में कब्जा कर लिया। उन्होंने कभी एक्सेप्ट नहीं किया कि जब तक अनवर सादात ने 79 में हिस्टोरिक पीस एग्रीमेंट नहीं किया, इजराइल के साथ फिर 90 के दशक में मैड्रिड पीस कांफ्रेंस हुई तब फिलीस्तीनी लीडर यासर आराफात के पास आए थे।

                    जार्डेन, मिस्र समेत कई अरब देशों से हुए इजरायल के अलग-अलग समझौतों के बाद गाजापट्टी और वेस्ट बैंक के इलाके में फिलिस्तीनियों का प्रशासन हो गया था। फिलिस्तीनियों के बड़े नेता यासिर अराफात जब तक जिंदा थे तब तक पश्चिम एशिया में कुछ शांति रही-लेकिन उनके बाद 2007 में गाजपट्टी में फिलिस्तीनियों के आजादी के संघर्ष में कट्टर और आतंकी रणनीति को बढ़ावा देने वाले हमास का कब्जा हो गया। दो गुट हो गए पुराना यासिर आराफात वाला, वो रामल्ला से गवर्नमेंट चलाते हैं, वेस्ट बैंक में ये येरूशलम वाला इलाका है, गाजा पट्टी हमास के कब्जे में चला गया ये दो ग्रुप हैं।


                      मगर, माना जा रहा है कि गाजापट्टी में इजराइल के जमीनी हमले शुरू होने के बाद हमास खत्म हो सकता है। जो राजनैतिक और फौजी रूप से कमजोर हो चुका है। अब मिस्र में भी उसकी समर्थक सरकार नहीं है, जो हमास के बचाव के लिए सामने आ जाती थी। वहीं, पश्चिम मुल्क मान रहें है कि अपनी रक्षा करना इजराइल का हक है। वो इजराइल को सिर्फ यही नसीहत दे रहे हैं कि उसके हमले का निशाना बेगुनाह, औरतें और बच्चे न बनें।

संदर्भ :- news18india


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