लेनोवो अपने ज़ेड2 प्लस स्मार्टफोन के ज़रिए उस प्राइस सेगमेंट में हलचल मचाने की कोशिश कर रही है, जिसमें वह अब तक बहुत कुछ खास हासिल नहीं कर सकी है। कंपनी ने इस प्राइस सेगमेंट में आखिरी फोन लेनोवो वाइब एक्स3 (रिव्यू) को लॉन्च किया था। गुरुवार को लॉन्च इवेंट के दौरान लेनोवो ने जोर-शोर से कहा कि यह भारत में मिलने वाले क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 820 प्रोसेसर से लैस सबसे सस्ता स्मार्टफोन है। गौर करने वाली बात है कि स्नैपड्रैगन 820 प्रोसेसर पर चलने वाले ले मैक्स 2, मी 5 और वनप्लस 3 की कीमत इसकी तुलना में थोड़ी ज्यादा है।
चीन की इस कंपनी ने लेनोवो ज़ेड2 प्लस में कई नए फ़ीचर दिए हैं। इसकी कीमत 17,999 रुपये से शुरू होगी और बिक्री अगले हफ्ते से। हमने लॉन्च इवेंट के दौरान कुछ वक्त लेनोवो ज़ेड2 प्लस के साथ बिताया। पहली झलक में यह फोन हमें कैसे लगा, आइए आपको बताते हैं।
दूर से देखने पर ज़ेड2 प्लस आपको आईफोन 5एस की याद दिलाएगा, लेकिन एक बार इसे हाथ में लेते ही भ्रम टूट जाता है। 5 इंच स्क्रीन वाला यह फोन आपके हाथों में आसानी से फिट हो जाएगा। घुमावदार किनारों के कारण ज़ेड2 प्लस को ग्रिप करना आसान है। लॉन्च के दौरान लेनोवो के अधिकारी अनुज शर्मा ने जोर देकर कहा कि ज़ेड2 प्लस को एक हाथ से इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है। ज़ेड2 प्लस में फाइबर ग्लास फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है। डिजाइन के बारे में बात करते हुए लेनोवो इंडिया ने ज़ेड2 प्लस रोल केज की जमकर तारीफ की। दावा किया गया कि यह स्ट्रक्चरल इंटिग्रिटी बढ़ाएगा और थर्मल बैलेंस को भी मैनेज करेगा।
ज़ेड2 प्लस के 5 इंच के डिस्प्ले का रिज़ॉल्यूशन 1080x1920 पिक्सल है। डिस्प्ले शार्प है और टेक्स्ट क्रिस्प नज़र आते हैं। हालांकि, इसकी ब्राइटनेस हमारी उम्मीद से कम थी। सूरज की रोशनी में डिस्प्ले थोड़ा थका हुआ सा लगता है। ज़ेड2 प्लस के फ्रंट पैनल पर कोई ब्रांडिंग नहीं है। लेनोवो का लोगो पिछले हिस्से पर मौजूद है। डिस्प्ले के नीचे एक आयाताकर होम बटन है जिसमें फिंगरप्रिंट सेंसर इंटिग्रेटेड है। पावर और वॉल्यूम बटन दायीं तरफ हैं और उन तक अंगूठे से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रियर पैनल पर कर्व्ड ग्लास का इस्तेमाल किया गया है, जो हाथों को अच्छा एहसास देता है। हालांकि, यह हाथों में बहुत ज्यादा फिसलता है। दो सिम स्लॉट दायीं तरफ हैं। निचले हिस्से में आपको स्पीकर ग्रिल, 3.5 एमएम ऑडियो जैक और यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट मिलेंगे।
लेनोवो ज़ेड2 प्लस में "यू टच 2.0" फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है। इसका इस्तेमाल कई किस्म के काम के लिए किया जा सकता है- बैक जाने के लिए सिंगल टच, लंबे वक्त तक टच करके नोटिफिकेशन, ऐप स्विचर के लिए दो बार दबाना। बायीं या दायीं तरफ स्वाइप करके आप थोड़े देर पहले इस्तेमाल किए किए हुए ऐप तक पहुंच पाएंगे।
यूज़र की ज़रूरतों के हिसाब से शॉर्टकट को भी कस्टमाइज किया जा सकता है। डिवाइस के साथ बिताए सीमित समय में हमने पाया कि गेस्चर ने सही काम किया। हालांकि, उनसे आदी होने में थोड़ा वक्त लगेगा।
कंपनी का दावा है कि फिंगरप्रिंट सेंसर 99.7 फीसदी सटीक है और यह लगातार सीखता रहता है, यानी यह इस्तेमाल करने पर और बेहतर हो जाएगा।
लेनोवो ज़ेड2 प्लस में कंपनी ने एंड्रॉयड 6.0 मार्शमैलो में छोटे-मोटे बदलाव किए हुए वर्ज़न का इस्तेमाल किया है। भारतीय मार्केट के लिए लेनोवो ने गूगल नाउ लॉन्चर को डिफॉल्ट लॉन्चर बनाया है। यूज़र लॉन्चर बदल सकते हैं।
लेनोवो ने लॉन्च इवेंट में इनबिल्ट यू-हेल्थ ऐप के बारे में भी बताया था। ज़ेड2 प्लस में जायरोस्कोप, कंपास सेंसर, एक्सेलेरोमीटर, लाइट सेंसर और प्रॉक्सिमिटी सेंसर के अलावा एक पैडोमीटर मौजूद है। लेनोवो इन सारे सेंसर के जरिए ज़ेड2 प्लस को फिटनेस और एक्टिविटी ट्रैकिंग डिवाइस बनाने की कोशिश की है। यू-हेल्थ ऐप को आसानी से किसी फिटनेस ट्रैकिंग डिवाइस से ट्रैक किया जा सकता है।
डुअल सिम ज़ेड2 प्लस में 4जी के साथ वीओएलटीई फ़ीचर मौजूद है, यानी आप इसके साथ रिलायंस जियो की सेवाओं का फायदा उठा पाएंगे। लेनोवो ने बताया कि किस तरह से लोग पूरी रात फोन को चार्ज होने के लिए छोड़ देते हैं। 3500 एमएएच की बैटरी से लैस इस फोन में चार्ज कट-ऑफ फ़ीचर है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बैटरी ज़रूरत से ज्यादा चार्ज़ ना हो।
13 मेगापिक्सल के रियर कैमरे में आईसोसेल सेंसर, पीडीएएफ (फेज़ डिटेक्शन ऑटोफोकस), इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबलाइजेशन, एफ /2.2 अपर्चर और एलईडी फ्लैश मौजूद है। अन्य महंगे एंड्रॉयड स्मार्टफोन की तरह आप ज़ेड2 प्लस से 4के वीडियो रिकॉर्ड कर पाएंगे। यह स्लो-मोशन वीडियो और फुल-एचडी टाइम लैप्स से लैस है।
चीन की इस कंपनी ने लेनोवो ज़ेड2 प्लस में कई नए फ़ीचर दिए हैं। इसकी कीमत 17,999 रुपये से शुरू होगी और बिक्री अगले हफ्ते से। हमने लॉन्च इवेंट के दौरान कुछ वक्त लेनोवो ज़ेड2 प्लस के साथ बिताया। पहली झलक में यह फोन हमें कैसे लगा, आइए आपको बताते हैं।
दूर से देखने पर ज़ेड2 प्लस आपको आईफोन 5एस की याद दिलाएगा, लेकिन एक बार इसे हाथ में लेते ही भ्रम टूट जाता है। 5 इंच स्क्रीन वाला यह फोन आपके हाथों में आसानी से फिट हो जाएगा। घुमावदार किनारों के कारण ज़ेड2 प्लस को ग्रिप करना आसान है। लॉन्च के दौरान लेनोवो के अधिकारी अनुज शर्मा ने जोर देकर कहा कि ज़ेड2 प्लस को एक हाथ से इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है। ज़ेड2 प्लस में फाइबर ग्लास फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है। डिजाइन के बारे में बात करते हुए लेनोवो इंडिया ने ज़ेड2 प्लस रोल केज की जमकर तारीफ की। दावा किया गया कि यह स्ट्रक्चरल इंटिग्रिटी बढ़ाएगा और थर्मल बैलेंस को भी मैनेज करेगा।
ज़ेड2 प्लस के 5 इंच के डिस्प्ले का रिज़ॉल्यूशन 1080x1920 पिक्सल है। डिस्प्ले शार्प है और टेक्स्ट क्रिस्प नज़र आते हैं। हालांकि, इसकी ब्राइटनेस हमारी उम्मीद से कम थी। सूरज की रोशनी में डिस्प्ले थोड़ा थका हुआ सा लगता है। ज़ेड2 प्लस के फ्रंट पैनल पर कोई ब्रांडिंग नहीं है। लेनोवो का लोगो पिछले हिस्से पर मौजूद है। डिस्प्ले के नीचे एक आयाताकर होम बटन है जिसमें फिंगरप्रिंट सेंसर इंटिग्रेटेड है। पावर और वॉल्यूम बटन दायीं तरफ हैं और उन तक अंगूठे से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रियर पैनल पर कर्व्ड ग्लास का इस्तेमाल किया गया है, जो हाथों को अच्छा एहसास देता है। हालांकि, यह हाथों में बहुत ज्यादा फिसलता है। दो सिम स्लॉट दायीं तरफ हैं। निचले हिस्से में आपको स्पीकर ग्रिल, 3.5 एमएम ऑडियो जैक और यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट मिलेंगे।
लेनोवो ज़ेड2 प्लस में "यू टच 2.0" फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है। इसका इस्तेमाल कई किस्म के काम के लिए किया जा सकता है- बैक जाने के लिए सिंगल टच, लंबे वक्त तक टच करके नोटिफिकेशन, ऐप स्विचर के लिए दो बार दबाना। बायीं या दायीं तरफ स्वाइप करके आप थोड़े देर पहले इस्तेमाल किए किए हुए ऐप तक पहुंच पाएंगे।
यूज़र की ज़रूरतों के हिसाब से शॉर्टकट को भी कस्टमाइज किया जा सकता है। डिवाइस के साथ बिताए सीमित समय में हमने पाया कि गेस्चर ने सही काम किया। हालांकि, उनसे आदी होने में थोड़ा वक्त लगेगा।
कंपनी का दावा है कि फिंगरप्रिंट सेंसर 99.7 फीसदी सटीक है और यह लगातार सीखता रहता है, यानी यह इस्तेमाल करने पर और बेहतर हो जाएगा।
लेनोवो ज़ेड2 प्लस में कंपनी ने एंड्रॉयड 6.0 मार्शमैलो में छोटे-मोटे बदलाव किए हुए वर्ज़न का इस्तेमाल किया है। भारतीय मार्केट के लिए लेनोवो ने गूगल नाउ लॉन्चर को डिफॉल्ट लॉन्चर बनाया है। यूज़र लॉन्चर बदल सकते हैं।
लेनोवो ने लॉन्च इवेंट में इनबिल्ट यू-हेल्थ ऐप के बारे में भी बताया था। ज़ेड2 प्लस में जायरोस्कोप, कंपास सेंसर, एक्सेलेरोमीटर, लाइट सेंसर और प्रॉक्सिमिटी सेंसर के अलावा एक पैडोमीटर मौजूद है। लेनोवो इन सारे सेंसर के जरिए ज़ेड2 प्लस को फिटनेस और एक्टिविटी ट्रैकिंग डिवाइस बनाने की कोशिश की है। यू-हेल्थ ऐप को आसानी से किसी फिटनेस ट्रैकिंग डिवाइस से ट्रैक किया जा सकता है।
डुअल सिम ज़ेड2 प्लस में 4जी के साथ वीओएलटीई फ़ीचर मौजूद है, यानी आप इसके साथ रिलायंस जियो की सेवाओं का फायदा उठा पाएंगे। लेनोवो ने बताया कि किस तरह से लोग पूरी रात फोन को चार्ज होने के लिए छोड़ देते हैं। 3500 एमएएच की बैटरी से लैस इस फोन में चार्ज कट-ऑफ फ़ीचर है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बैटरी ज़रूरत से ज्यादा चार्ज़ ना हो।
13 मेगापिक्सल के रियर कैमरे में आईसोसेल सेंसर, पीडीएएफ (फेज़ डिटेक्शन ऑटोफोकस), इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबलाइजेशन, एफ /2.2 अपर्चर और एलईडी फ्लैश मौजूद है। अन्य महंगे एंड्रॉयड स्मार्टफोन की तरह आप ज़ेड2 प्लस से 4के वीडियो रिकॉर्ड कर पाएंगे। यह स्लो-मोशन वीडियो और फुल-एचडी टाइम लैप्स से लैस है।
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