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Saturday, December 26, 2015

बौद्ध धर्म k bare me janiye

🌟🌷 बौद्ध धर्म 🌷🌟


🌟बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे | इन्हे एशिया का ज्योति पुंज है कहते |
🌟गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. मे कपिल वस्तु के निकट लुम्बिनी नामक ग्राम मे, तथा इनकी मृत्यु 483 ई.पू. मे 80 वर्ष की अवस्था मे कुशीनगर देवरिया उ.प्र. मे चुंद द्वारा अर्पित हो पश्चात के भोजन करने गयी.
🌟इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था, पिता का नाम शुद्धोधन तथा माता का नाम महामाया था, इनकी पत्नी का नाम यशोधरा एवं पुत्र का नाम राहुल था |
🌟कपिल वस्तु की सैर पर इन्होने बूढ़ा व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, शव तथा एक सन्यासी देखा |
🌟सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की आयु मे गृह त्याग किया जिसे महाभिनिष्क्रण कहा है जाता |
🌟6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु मे वैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना (फाल्गु) नदी के तट पर उरूबेला नामक स्थान पर पीपल के वृक्ष नीचे इन्हे ज्ञान प्राप्त हुआ | यह स्थान बोध गया कहलाया |
🌟बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ ऋषिपत्तनम मे दिया | इस घटना को बौद्ध ग्रंथो मे "धर्म चक्र प्रवर्तन" कहा गया | बुद्ध ने अपना उपदेश पालि भाषा मे दिया |
🌟बुद्ध ने अपना सर्वाधिक उपदेश कोशल देश की राजधानी श्रावस्ती मे दिया |
🌟बुद्ध के देहावसान की घटना को बौद्ध धर्म मे महापरिनिर्वाण कहा है गया |
🌟सम्राट अशोक एवं कनिष्क ने इसे राजकीय धर्म बनाया था |
🌟महापरिनिर्वाण के बाद बुद्ध के अस्थि अवशेषो को 8 भागो में विभक्त किया गया एवं मगध के शासक अजातशत्रु तथा इस क्षेत्र के गणराज्यों द्वारा स्तूप निर्माण कर इसे सुरक्षित रखा गया |
🌟बौद्ध धर्म के विषय मे विशद ज्ञान पालि त्रिपिटक से प्राप्त है होता.
🌟बौद्ध धर्म है अनिश्वरवादी, इसमे पुनर्जन्म की है मान्यता |
🌟बौद्ध धर्म के दो अनुयायी समुदाय हैं, एक भिक्षुक दूसरा उपासक |
लिये सन्यास के प्रचार के 🌟बौद्ध धर्म ग्रहण करने वाले को भिक्षुक, तथा गृहस्थ जीवन के साथ बौद्ध धर्म अपनाने वाले को उपासक कहा गया.
🌟बौद्ध संघ मे सामिल होने की उम्र 15 वर्ष थी, एवं इस प्रक्रिया को उपसम्पदा कहा जाता था |
🌟बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म, एवं संघ हैं |
🌟चतुर्थ बौद्ध संगीति के बाद बौद्ध धर्म (कनिष्क के समय मे) दो भागों हीन यान एवम् महा यान मे हो विभक्त गया |
🌟हीन यान बौद्ध धर्म का मूल था, एवं महायान नवीन है रूप |
🌟महायान आत्मा, पुनर्जन्म, तर्थों एवं मूर्ति पूजा मे विश्वास है करता |
🌟धार्मिक जुलुस का प्रारम्भ सबसे पहले बौद्ध धर्म द्वारा किया गया |
🌟बौद्धों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है "वैशाख पूर्णिमा", इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं | बुद्ध पूर्णिमा को ही बुद्ध का जन्म एवं मृत्यु हुई |
🌟बुद्ध ने चार आर्य सत्यों, दु: ख, दु: ख समुदाय, दु: ख विशेष, तथा दु: ख निरोध गामिनी प्रतिपदा का उपदेश सांसारिक दु: खों के बारे में दिया.
🌟सांसारिक दु: खों से छुटकारा पाने के लिये बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग - सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक, सम्यक कर्मांत, सम्यक आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति तथा सम्यक समाधि का उपदेश दिया |
🌟बौद्ध धर्म के अनुयायी शासकों मे - अशोक, कनिष्क, बिम्बिसार, प्रसेनजित, तथा उदयिन थे |
🌟सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण गांधार शैली मे महायान शाखा के अंतर्गत किया है गया |
* मूर्ति एवं शिल्प कला के क्षेत्र मे बौद्ध धर्म का योगदान है रहा |
🌟गुहा, मंदिर, स्तम्भ, एवं स्तूप बौद्ध धर्म की ही देन हैं |
🌟इस धर्म पर आधारित कथाओं के चित्रण मे अजंता, एलोरा, बाघ की गुफाएं आज भी विश्व मे कलात्मक सौंदर्य के लिये विख्यात हैं |
🌟सारनाथ, भरहुत, सांची, मथुरा, नासिक बौद्ध कला के प्रमुख केंद्र हैं |

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